Wednesday, 10 October 2012
Wednesday, 7 March 2012

Tuesday, 28 February 2012
टीम अहम या दिग्गज ???
जिन महान क्रिकेटरों पर हम एक युग से फख्र करते रहे हैं, उनकी ढलती उम्र और गिरते फॉर्म ने हमें दुविधा में डाल दिया है कि उनके प्रति अब हमारा नजरिया क्या हो? कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने सचिन तेंडुलकर, वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर की फील्डिंग क्षमता पर टिप्पणी कर टीम में उनकी भूमिका पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं !
ऑस्ट्रेलिया में जारी त्रिकोणीय श्रंखला में अपनाई गई रोटेशन पॉलिसी के बचाव में धोनी ने कहा कि वे तीनों अच्छे फील्डर हैं, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के बड़े मैदानों पर कुछ धीमे साबित होते हैं, इसलिए बतौर कप्तान उनकी प्राथमिकता है कि चुस्त सुरेश रैना या रोहित शर्मा को टीम में रखें ! दिग्गज बल्लेबाज अगर अपनी शोहरत के मुताबिक बैटिंग करते, तो शायद सुस्त फील्डिंग का सवाल खड़ा नहीं होता ! मगर हकीकत यही है कि पहले टेस्ट और फिर वन डे सीरीज में उनका योगदान निराशाजनक रहा है !
धोनी अक्सर कहते रहे हैं कि भारतीय खिलाड़ी उस रूप में खेलते हैं, जो उन्हें रास आता है ! विपक्षी टीम के मुताबिक वे अपने खेल को नहीं ढालते ! यह कड़ा बयान है, लेकिन संभवत: एक यथार्थ है ! इसी तरह भारत में अक्सर खिलाड़ियों से लगाव की भावना टीम की जरूरतों पर तरजीह पा जाती है। अगर सीनियर खिलाड़ी फॉर्म में नहीं हों, तब भी हर हाल में उन्हें अंतिम ग्यारह में क्यों रखा जाना चाहिए? इस सिलसिले में हम ऑस्ट्रेलिया से कुछ सीख जरूर ले सकते हैं !
अंतत: वहां के चयनकर्ताओं ने फॉर्म से बाहर रिकी पोंटिंग को वन डे टीम से बाहर करने का साहस दिखाया है ! इससे ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में पोंटिंग के योगदान पर कोई आंच नहीं आती ! इसी तरह अगर मुकाबले की जरूरत के मद्देनजर किसी भारतीय दिग्गज खिलाड़ी की टीम में जगह नहीं बनती या कप्तान को कोई युवा खिलाड़ी ज्यादा उपयोगी लगता हो, तो इस पर विवाद क्यों खड़ा होना चाहिए? अगर धोनी ने यह बात बेलाग कह दी है, तो उसे टीम में मतभेद या सीनियर खिलाड़ियों के प्रति अपमान भाव के रूप में नहीं, बल्कि टीम की आवश्यकताओं के संदर्भ में देखा जाना चाहिए !
साकार होगा मिथिला राज्य का सपना...
दरभंगा, : अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉ. बैद्यनाथ चौधरी 'बैजू' ने कहा कि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए पृथक मिथिला राज्य का सपना जरूर साकार होगा ! वे बुधवार को स्थानीय विद्यापति सेवा संस्थान के प्रधान कार्यालय में प्रेस से बात कर रहे थे ! उन्होंने कहा कि इसके लिए जारी आंदोलन को और धारदार बनाने को आगामी ५ मार्च को स्थानीय महेश ठाकुर मिथिला महाविद्यालय के सभागार में पूर्वाह्न ११ बजे से सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है ! इसमें मिथिला क्षेत्र के विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ ही मिथिला-मैथिली सेवी संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं, शिक्षकों, छात्रों, साहित्यकारों आदि को आमंत्रित किया जा रहा है ! डॉ. बैजू ने बताया कि सम्मेलन का उद्घाटन स्थानीय सांसद कीर्ति आजाद करेंगे ! वहीं इसकी अध्यक्षता पूर्व मंत्री राजकुमार महासेठ करेंगे ! पूर्व मंत्री समाइले नबी, कृपानाथ पाठक के साथ ही विधायकों, विधान पार्षदों के संग पूर्व सांसद, विधायक व विधान पार्षद को भी आमंत्रित किया जा रहा है ! उन्होंने स्वाधीनता प्राप्ति के बाद से ही मिथिला की उपेक्षा का अरोप लगाते हुए कहा कि उद्योग धंधे के अभाव में यहां से मजदूरों का पलायन हो रहा है तो बेहतर शिक्षण संस्थान के अभाव में छात्र भी बाहर जाने को विवश हैं ! बाढ़-सुखाड़ का निदान नहीं हो सका है ! बिजली संकट से लोग जूझ रहे हैं ! इन सभी समस्याओं का एकमात्र निदान मिथिला राज्य है जिसके लिए वे आजीवन लड़ते रहेंगे ! शहादत भी देनी पड़े तो इसके लिए तैयार हैं ! उन्होंने ग्रियर्सन के नक्शे को आधार बताते हुए मिथिला राज्य की मांग दोहराई ! डॉ. बैजू ने जानकारी दी कि १२ मार्च को संसद के समक्ष इस मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन भी होगा ! इस मौके पर मिथिला राज्य संघर्ष समिति के डॉ. उदयशंकर मिश्र ने प्राथमिक शिक्षा का माध्यम मैथिली को बनाए जाने की मांग राज्य सरकार से करते हुए आगामी सम्मेलन के माध्यम से सभी दलों व संगठनों को एक मंच पर लाकर जोरदार आंदोलन की बात कही ! इस मौके पर विद्यापति सेवा संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. बचरू पासवान, मैथिली शिक्षक के अध्यक्ष डॉ. श्रीशंकर झा, चंद्रशेखर झा बूढ़ाभाइ मौजूद थे !
Tuesday, 21 February 2012
पवित्र धरा है मिथिला की : रामभद्राचार्य
मधुबनी, चित्रकूट तुलसीपीठाधीश्वर जगदगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज ने कहा है कि कलयुग क अंत में भारत भूमि के संभल ग्राम के विष्णुयश नामक ब्राह्मण के यहां कल्कि भगवान का अवतरण होगा ! वे यहां पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे ! महराज जी ने कलियुग की अवधि चार लाख ३२ हजार वर्ष बताते हुए कहा कि अभी पांच हजार ५२ वर्ष ही गुजरे हैं!उन्होंने मिथिला को सीता की पवित्र धरती बताते हुए कहा कि मिथिला की प्राचीन संस्कृति का झलक आज भी अनुभव किए जा रहे हैं ! संध्या काल में स्थानीय सरकारी बस पड़ाव में श्री राम कथा ज्ञानयज्ञ को संबोधित करते हुए उन्होंने भक्तों से भगवान राम के जीवन चरित्र को अपनाने पर बल देते हुए कहा कि भगवान राम पीछे मुड़ कर कभी नहीं देखा ! उन्होंने भगवान राम की जीवन चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान राम ने धर्म का अक्षरसह पालन करते हुए मनुष्य जाति के समक्ष एक अटल व पवित्र चरित्र का मार्ग दिखाया है ! जिस पर चलकर भक्त अपना जीवन सफल बना सकते हैं ! उन्होंने रावण की चर्चा करते हुए कहा कि मिथिला जनक जानते थे कि रावण का नाश कब और कैसे होगा ! उन्होंने कहा जिस तरह धूप को देखकर आइस्क्रीम पीघल जाता है उसी प्रकार सद्कर्म के समक्ष भक्तों की पीड़ा पीघल कर पानी का रूप धारण कर लेती है ! प्रवचन के दौरान भजन पर यहां हजारों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालु भजन की सागर में गोते लगाते नजर आए ! श्रीराम कथा ज्ञान यज्ञ को लेकर शहर में आध्यात्मिक माहौल व्याप्त है !
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