जगजननी जय! जय! माँ! जगजननी जय! जय! भयहारिणी, भवतारिणी, भवभामिनि जय जय। (जगजननी जय ! जय !!) तू ही सत्-चित्-सुखमय, शुद्ध ब्रह्मरूपा। सत्य सनातन, सुन्दर, पर-शिव सुर-भूपा॥१॥ (जगजननी जय ! जय !!) आदि अनादि, अनामय, अविचल, अविनाशी। अमल, अनन्त, अगोचर, अज आनन्दराशी॥२॥ (जगजननी जय ! जय !!) अविकारी, अघहारी, अकल कलाधारी। कर्ता विधि, भर्ता हरि, हर संहारकारी॥३॥ (जगजननी जय ! जय !!) तू विधिवधू, रमा, तू उमा महामाया। मूल प्रकृति, विद्या तू, तू जननी जाया॥४॥ (जगजननी जय ! जय !!) राम, कृष्ण तू, सीता, ब्रजरानी राधा। तू वाँछाकल्पद्रुम, हारिणि सब बाधा॥५॥ (जगजननी जय ! जय !!) दश विद्या, नव दुर्गा, नाना शस्त्रकरा। अष्टमातृका, योगिनि, नव-नव रूप धरा॥६॥ (जगजननी जय ! जय !!) तू परधामनिवासिनि, महाविलासिनि तू। तू ही श्मशानविहारिणि, ताण्डवलासिनि तू॥७॥ (जगजननी जय ! जय !!) सुर-मुनि मोहिनि सौम्या, तू शोभाधारा। विवसन विकट सरुपा, प्रलयमयी, धारा॥८॥ (जगजननी जय ! जय !!) तू ही स्नेहसुधामयी, तू अति गरलमना। रत्नविभूषित तू ही, तू ही अस्थि तना॥९॥ (जगजननी जय ! जय !!) मूलाधार निवासिनि, इह-पर सिद्धिप्रदे। कालातीता काली, कमला तू वरदे॥१०॥ (जगजननी जय ! जय !!) शक्ति शक्तिधर तू ही, नित्य अभेदमयी। भेद प्रदर्शिनि वाणी विमले! वेदत्रयी॥११॥ (जगजननी जय ! जय !!) हम अति दीन दु:खी माँ! विपत जाल घेरे। हैं कपूत अति कपटी, पर बालक तेरे॥१२॥ (जगजननी जय ! जय !!) निज स्वभाववश जननी! दयादृष्टि कीजै। करुणा कर करुणामयी! चरण शरण दीजै॥१३॥ (जगजननी जय ! जय !!) || ॐ देवी शरणम ||
श्री श्री १०८ दुर्गापूजा चकौती आहाँ सभ गोटा के हार्दिक स्वागत क रहल अइछ...

Saturday 31 December 2011

chakauti village Wishing You a happy New Year-2012


नया साल मंगलमय हो...........

शुभ स्वप्नों सा सूर्य उदय हो

विपदा से हारा नहीं झेला उसे सहर्ष 

तूफ़ानों को पार कर पहुँचा है नववर्ष

नभ मौसम सागर सभी करें कृपा करतार

जंग और आतंक की पड़े कभी ना मार


बागों में खिलते रहें इंद्रधनुष के रंग

घर घर में बसता रहे खुशियों का मकरंद


मन में हो संवेदना तन में नव स्फूर्ति

अपनों में सदभावना जग में सुंदर कीर्ति


उन्नति का परचम उड़े ऐसा करें विकास

संस्कार की नींव पर जमा रहे विश्वास


साल नया गुलज़ार हो–मिटें सभी के दर्द

मेहनत से हम झा


अभिनंदन नव वर्ष का मंगलमय हो साल

ऋद्धि सिद्धि सुख संपदा सबसे रहें निहाल !!
इस कविता के साथ आप लोग , आप लोग नए साल का शुभारंभ कीजिये ..................

जय माता दी !!



Friday 30 December 2011

आजाद भारत के महान घोटाले

सवाल कई हैं... लेकिन ये चंद सवाल ही इस देश के शासक वर्ग की मंशा को साफ कर देते हैं., आम आदमी के साथ ख़डे होने का दावा करने वाले नेताओं की कलई खोल देते है.. बीता साल ऐसी कई यादें हमें दे गया, जो बहुत जल्द भुलाई नहीं जा सकेंगी.... उदाहरण के लिए टेप कांड, मीडिया, दलाल और कॉरपोरेट के गठजो़ड का पर्दाफाश हुआ.. पता चला, आम आदमी की आवाज़ समझा जाने वाला मीडिया एक सुपर दलाल नीरा राडिया के माध्यम से कॉरपोरेट घरानों की आवाज़ बन गया.. नामचीन पत्रकारों, नेताओं और उद्योगपतियों को एक दलाल से बात करते और उसकी हां में हां मिलाते, दुनिया ने सुना... आम आदमी के पैसों को अपना मान कर लूट की खुली छूट दी गई ! 
बिहार चुनाव के दौरान केंद्र सरकार कहती रही कि बिहार का विकास केंद्र के पैसे से हुआ है ? लेकिन स्पेक्ट्रम घोटाले में डूबे पौने दो लाख करो़ड रुपये किसके थे, इसका जवाब सरकार नहीं दे सकी.. स्पेक्ट्रम मामले पर जेपीसी की मांग को लेकर विपक्ष ने संसद के शीतकालीन सत्र को एक दिन भी नहीं चलने दिया... इस साल, संसद में काम के नाम पर इतना ही हुआ कि सांसदों ने अपना वेतन-भत्ता ब़ढवाने संबंधी विधेयक पारित करवा लिया ! राज्य सभा में महिला आरक्षण विधेयक पास तो हुआ, लेकिन लोकसभा में आकर अटक गया ! कुल मिला कर संसद जैसी महत्वपूर्ण संस्था से भी जनता को निराशा ही हाथ लगी ! 
संसद से स़डक तक. यह साल हंगामे और विरोध-प्रदर्शन के नाम रहा... लेकिन सालों बाद दिल्ली ने किसानों को एकजुट होकर अपने हक़ के लिए स़डक पर उतरते देखा. विकास के नाम पर जिस तरह से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हज़ारों-लाखों किसानों की ज़मीन सरकार ने जबरन अधिग्रहित की, वो भी बहुत कम दर पर, उससे इस देश के किसानों को संगठित होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ! 15 अगस्त, इस दिन देश आज़ादी का जश्न मना रहा था... दूसरी ओर, अलीग़ढ और मथुरा की स़डकों पर पुलिस किसानों पर लाठियां और गोलियां बरसा रही थी... लेकिन, इस देश की सरकार को 114 साल पुराने भू-अधिग्रहण क़ानून को बदलने या संशोधित करने की ज़रूरत महसूस नहीं हुई !
भ्रष्टाचार के मामले में राजनीतिक पार्टियों के बीच कोई खास अंतर नहीं दिखा... कर्नाटक में बीजेपी सरकार के मुखिया वी एस येदुरप्पा भूमि आवंटन घोटाले में साफ-साफ फंसते दिखे, लेकिन बीजेपी चाह कर भी उनके ख़िला़फ कोई कार्रवाई नहीं कर सकी. हद तो तब हो गई, जब सेना पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे ! सुकना भूमि घोटाले में ख़ुद आर्मी की कोर्ट ने सेना के दो अधिकारियों की संलिप्तता की बात कही !. लेफ्टीनेंट जनरल और मेजर जनरल स्तर के इन अधिकारियों के ख़िला़फ सेना को कोर्ट ने कार्रवाई के आदेश दिए... आम आदमी का सेना और न्यायपालिका से भरोसा दरकता नज़र आया जब सर्वोच्च न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय पर क़डी टिप्पणी करते हुए कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय में कहीं कुछ स़ड गया है और यहां भाई-भतीजावाद चरम पर है !
 इतिहास के पन्नों में यह साल घोटालों के साल के रूप में भी याद रखा जाएगा... News Agency  ने सबसे पहले आईपीएल में महाघोटाले का संकेत दे दिया था ! बाद में क्या हुआ, सब जानते हैं ! कॉमनवेल्थ गेम्स कॉमन मैन (आम आदमी) की संपत्ति के लूट का खेल बन गया. बाद में, जांच शुरू होने के बाद भी कलमा़डी अपने पद पर बने रहे... सबसे दुख की बात तो यह थी कि जिन प्रवासी मज़दूरों ने राष्ट्रमंडल खेलों को सफल बनाने में अपनी जान तक गंवाई, उन्हें ही हमारे देश के गृह मंत्री, दिल्ली की मुख्यमंत्री सारी समस्याओं की ज़ड बता रहे थे !
एक आख़िरी उम्मीद. नवंबर 2010 में जब बिहार विधान सभा चुनाव के परिणाम आएं, तो ऐसा लगा कि एक आख़िरी उम्मीद अभी भी बची है... ज़्यादा निराश होने की ज़रूरत नहीं है... जिस तरह से बिहार की जनता ने जाति और धर्म को भुला कर विकास के नाम पर वोट किया, वह देश के लिए एक संदेश बन गया... उम्मीद तब और भी मज़बूत हुई जब नीतीश कुमार ने राइट टू सर्विस एक्ट, अवैध संपत्ति ज़ब्त करने के लिए क़ानून बनाने और विधायक फंड ख़त्म करने की घोषणा की.. और हां, इस देश की जनता को ख़ुशी के कुछ पल सचिन तेंदुलकर भी दे गए. टेस्ट क्रिकेट में शतकों का अर्धशतक लगा कर !
नए साल पर चकौती विलेज की ओर से आप सभी को शुभकामनाएं - जय माता दी !! 

Saturday 19 November 2011

चकौती विकास

१३ नवम्बर, २०११  को ब्लोक में प्रमुख द्वारा मीटिंग की गयी जिसमे सभी योजनाओं पर बिचार विमार्श किया गया , मुद्दा था -विकास का ! चकौती पंचायत समिति ( दक्षिणी ) श्रीमती एंड श्री चन्द्र मोहन ठाकुर भी मीटिंग में भाग लिए थे - इनके पास जो वर्क मिला वो था- मिट्टीकरण , खरंजा और कुछ चापाकल ! मीटिंग ख़त्म होने के पश्चात श्री चन्द्र मोहन ठाकुर ने अपने प्रमुख ( हुकुमदेव यादव ) से बात की - की मेरा राजनितिक जीवन का पहला कदम का पहला फंड हम धार्मिक स्थल से शुरू करेंगे, मै एक रोड को रद्द करता हूँ - इसके बदले चकौती दुर्गा स्थान में मैया के प्रांगन में मिट्टीकरण , खरंजा और सीमेंट-बालू से काम होगा , काम बहुत जल्द ही शुरू होने बाला है , इस काम को अंजाम तक पहुचाने के लिए श्री शुशील ठाकुर जी आगे आये है और उन्होंने बोला है की मै अपने उपस्थिति में सारा काम करबाऊंगा ! उधर चन्द्र मोहन ठाकुर अपने पंचायत मुखिया से नाराजगी जताते हुए बोला है की गाँव - गाँव में बाढ़ राहत मिल गया है- लेकिन यहाँ पर ऐसा कोए सूचि नहीं बनाया गया है यदि बना होता तो अब तक मिल गया होता !
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वोटर सूचि में नाम जोरा जा रहा है और संशोधन भी किया जा रहा है यानि जिनका नाम गलत है या पिता नाम गलत है सबका सुधार किया जा रहा है - नाम जोरने के लिए फॉर्म -६ और सुधार के लिए फॉर्म- ८ है ! फॉर्म भरने के लिए आपके पास - एक फोटो , जन्म परमान पत्र ( सर्टिफिकेट ) या affidavit बना होना चाहिए तभी आपके फॉर्म लिए जायेंगे ! गाँव में चार (४) बूथ संख्या है, बूथ संख्या - २३७ का जाया देवी , बूथ संख्या -२३८ का H/o नागेश्वर गुप्ता ( पकटोला ), बूथ संख्या - २३९ का पंचायत शिक्षक सुबोध ठाकुर और बूथ संख्या - २४१ का पंचायत शिक्षक राम कुमार राम कर रहे है ! फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि ०३/१२/२०११ है !
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इमानदार सोच, श्रेष्ठ शिक्षा..(I.T.I.)
शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जो जीवन की एक नयी विचारधारा, नया सवेरा देता है, ये हमें परिपक्कव समाज बनाने में मदद करता है, यदि शिक्षा का उद्देश्य सही दिशा में हो तो ये इंसान को नए-नए पर्योग करने के लिए उत्साहित करते है, शिक्षा और संस्कार साथ-साथ चलते है या कहा जाय तो एक दुसरे के पूरक है ! शिक्षा हमें संस्कारों की समझने और बदलती सामाजिक परिस्थितियों के अनुरूप उनका अनुशरण करने की समझ देता है ! आज शिक्षा जिस मुकाम पर पहुच चुकी है, वहां उसमे आमूल परिवर्तन का गुंजाएस है......
अब आप खुद पर गर्व मह्सुश कर सकतें है क्योंकि चकौती गाँव में श्री अमर लाल झा द्वारा आईटीआई college खोले जायेंगे ! श्री झा १ दिसंबर २०११ को इस सिलसिले में दिल्ली जा रहे है ! विस्तृत जानकारी के लिए आप ( chakauti devlopement ) को देखे .....
http://chakauti-rkant.blogspot.com/2011/11/iti-in-chakauti-being-opened-by-shri.html#comment-form 

Wednesday 28 September 2011

चकौती -नवरात्रि की शुभकामनायें



नवरात्रि की शुभकामनायें

नवरात्रि पूरे भारत मे बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है, यह नौ दिनो तक चलता है ! इन नौ दिनो मे हम तीन देवियों पार्वती, लक्ष्मी और सरस्वती के नौ स्वरुपों की पूजा करते है ! ये तीनो देवियां शक्ति, सम्पदा और ज्ञान का प्रतिनिधित्व करती है ! आइये जाने इन नौ रुपों के बारे कुछ विस्तार से:-
प्रथम दुर्गा श्री शैलपुत्री 
आदिशक्ति श्री दुर्गा का प्रथम रूप श्री शैलपुत्री हैं ! पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण ये शैलपुत्री कहलाती हैं ! नवरात्र के प्रथम दिन इनकी पूजा और आराधना की जाती है ! इनके पूजन से मूलाधर चक्र जाग्रत होता है, जिससे साधक को मूलाधार चक्र जाग्रत होने से प्राप्त होने वाली सिद्धियां स्वतः प्राप्त हो जाती हैं !
द्वितीय दुर्गा श्री ब्रह्मचारिणी
आदिशक्ति श्री दुर्गा का द्वितीय रूप श्री ब्रह्मचारिणी हैं ! यहां ब्रह्मचारिणी का तात्पर्य तपश्चारिणी है ! इन्होंने भगवान शंकर को पति रूप से प्राप्त करने के लिए घोर तपस्या की थी ! अतः ये तपश्चारिणी और ब्रह्मचारिणी के नाम से विख्यात हैं ! नवरात्रि के द्वितीय दिन इनकी पूजा - अर्चना की जाती है ! इनकी उपासना से मनुष्य के तप, त्याग, वैराग्य सदाचार, संयम की वृद्धि होती है तथा मन कर्तव्य पथ से विचलित नहीं होता है !
तृतीय दुर्गा श्री चंद्रघंटा
आदिशक्ति श्री दुर्गा का तृतीय रूप श्री चंद्रघंटा है! इनके मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है, इसी कारण इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है ! नवरात्रि के तृतीय दिन इनका पूजन - अर्चना किया जाता है !इनके पूजन से साधक को मणिपुर चक्र के जाग्रत होने वाली सिद्धियां स्वतः प्राप्त हो जाती हैं तथा सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है !
चतुर्थ दुर्गा श्री कूष्मांडा
आदिशक्ति श्री दुर्गा का चतुर्थ रूप श्री कूष्मांडा हैं ! अपने उदर से ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इन्हें कूष्मांडा देवी के नाम से पुकारा जाता है ! नवरात्रि के चतुर्थ दिन इनकी पूजा और आराधना की जाती है !श्री कूष्मांडा के पूजन से अनाहत चक्र जाग्रति की सिद्धियां प्राप्त होती हैं ! श्री कूष्मांडा की उपासना से भक्तों के समस्त रोग-शोक नष्ट हो जाते हैं ! इनकी भक्ति से आयु, यश, बल और आरोग्य की वृद्धि होती है !
पंचम दुर्गा श्री स्कंदमाता
आदिशक्ति श्री दुर्गा का पंचम रूप श्री स्कंदमाता हैं ! श्री स्कंद (कुमार कार्तिकेय) की माता होने के कारण इन्हें स्कंदमाता कहा जाता है ! नवरात्रि के पंचम दिन इनकी पूजा और आराधना की जाती है ! इनकी आराधना से विशुद्ध चक्र के जाग्रत होने वाली सिद्धियां स्वतः प्राप्त हो जाती हैं तथा मृत्युलोक में ही साधक को परम शांति और सुख का अनुभव होने लगता है ! उसके लिए मोक्ष का द्वार स्वंयमेव सुलभ हो जाता है !
षष्ठम दुर्गा श्री कात्यायनी
आदिशक्ति श्री दुर्गा का षष्ठम् रूप श्री कात्यायनी ! महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर आदिशक्ति ने उनके यहां पुत्री के रूप में जन्म लिया था ! इसलिए वे कात्यायनी कहलाती हैं ! नवरात्रि के षष्ठम दिन इनकी पूजा और आराधना होती है ! श्री कात्यायनी की उपासना से आज्ञा चक्र जाग्रति की सिद्धियां साधक को स्वयंमेव प्राप्त हो जाती है! वह इस लोक में स्थित रहकर भी अलौलिक तेज और प्रभाव से युक्त हो जाता है तथा उसके रोग, शोक, संताप, भय आदि सर्वथा विनष्ट हो जाते हैं !
सप्तम दुर्गा श्री कालरात्रि
आदिशक्ति श्रीदुर्गा का सप्तम रूप श्री कालरात्रि हैं ! ये काल का नाश करने वाली हैं, इसलिए कालरात्रि कहलाती हैं ! नवरात्रि के सप्तम दिन इनकी पूजा और अर्चना की जाती है ! इस दिन साधक को अपना चित्त भानु चक्र (मध्य ललाट) में स्थिर कर साधना करनी चाहिए! श्री कालरात्रि की साधना से साधक को भानुचक्र जाग्रति की सिद्धियां स्वयंमेव प्राप्त हो जाती हैं !
अष्टम दुर्गा श्री महागौरी
आदिशक्ति श्री दुर्गा का अष्टम रूप श्री महागौरी हैं ! इनका वर्ण पूर्णतः गौर है, इसलिए ये महागौरी कहलाती हैं ! नवरात्रि के अष्टम दिन इनका पूजन और अर्चन किया जाता है ! इन दिन साधक को अपना चित्त सोमचक्र (उर्ध्व ललाट) में स्थिर करके साधना करनी चाहिए ! श्री महागौरी की आराधना से सोम चक्र जाग्रति की सिद्धियों की प्राप्ति होती है ! इनकी उपासना से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं !
नवम् दुर्गा श्री सिद्धिदात्री
आदिशक्ति श्री दुर्गा का नवम् रूप श्री सिद्धिदात्री हैं ! ये सब प्रकार की सिद्धियों की दाता हैं, इसीलिए ये सिद्धिदात्री कहलाती हैं ! नवरात्रि के नवम् दिन इनकी पूजा और आराधना की जाती है ! इस दिन साधक को अपना चित्त निर्वाण चक्र (मध्य कपाल) में स्थिर कर अपनी साधना करनी चाहिए ! श्री सिद्धिदात्री की साधना करने वाले साधक को सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है ! सृष्टि में कुछ भी उसके लिए अगम्य नहीं रह जाता !
!! जय माता दी !! 

Tuesday 27 September 2011

Chakauti Durga Puja




हिन्दुयों का सर्वाधिक मनभावन और भक्तिपूर्ण पर्व दुर्गा पूजा है , जिसे भक्त जन नवरात्र भी कहते है , हर साल की तरह इस साल भी आ गया है ! इस अवसर पर हर घर में माँ दुर्गा के नव रूपों की पूजा - अर्चना की जाती है ! चकौती गाँव में तो दुर्गा पूजा का माहौल अलग ही देखने को मिलता है ! चकौती गाँव में दुर्गा पूजा की स्थापना सन १९२४ में स्वर्गीय लूटन मिश्र के द्वारा किया गया था - जो आज भी परंपरागत तौर - तरीके से मनाया जाता है ! इस वार (२०१०-२०११) चकौती दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष श्री याग्गी मिश्र एवं सचिव श्री चन्द्र मोहन ठाकुर ने विशेस प्लान के तहत दुर्गा पूजा मनाने की योजना बनाई है - जिसमे मनोरंजन से लेकर मंदिर सौन्दर्यीकरण है !
                                        पूजा अर्चना 
पंडित आचार्य सुजित कुमार झा के अनुसार- नवरात्रि संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है नौ रातें ! नवरात्रि के नौ रातो में तीन देवियों – पार्वती, लक्ष्मी और सरस्वती के नौ स्वरुपों की पूजा होती है जिन्हे नवदुर्गा कहते हैं !
श्री शैलपुत्री
श्री ब्रह्मचारिणी
श्री चंद्रघंटा
श्री कुष्मांडा
श्री स्कंदमाता
श्री कात्यायनी
श्री कालरात्रि
श्री महागौरी
श्री सिद्धिदात्री
शक्ति की उपासना का पर्व शारदेय नवरात्र प्रतिपदा से नवमी तक निश्चित नौ तिथि, नौ नक्षत्र, नौ शक्तियों की नवधा भक्ति के साथ सनातन काल से मनाया जा रहा है ! सर्वप्रथम श्रीरामचंद्रजी ने इस शारदीय नवरात्रि पूजा का प्रारंभ समुद्र तट पर किया था और उसके बाद दसवें दिन लंका विजय के लिए प्रस्थान किया और विजय प्राप्त की ! तब से असत्य, अधर्म पर सत्य, धर्म की जीत का पर्व दशहरा मनाया जाने लगा ! आदिशक्ति के हर रूप की नवरात्र के नौ दिनों में क्रमशः अलग-अलग पूजा की जाती है ! माँ दुर्गा की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री है ! ये सभी प्रकार की सिद्धियाँ देने वाली हैं ! इनका वाहन सिंह है और कमल पुष्प पर ही आसीन होती हैं ! नवरात्रि के नौवें दिन इनकी उपासना की जाती है !
नवदुर्गा और दस महाविधाओं में काली ही प्रथम प्रमुख हैं ! भगवान शिव की शक्तियों में उग्र और सौम्य, दो रूपों में अनेक रूप धारण करने वाली दस महाविधाएँ अनंत सिद्धियाँ प्रदान करने में समर्थ हैं ! दसवें स्थान पर कमला वैष्णवी शक्ति हैं, जो प्राकृतिक संपत्तियों की अधिष्ठात्री देवी लक्ष्मी हैं ! देवता, मानव, दानव सभी इनकी कृपा के बिना पंगु हैं, इसलिए आगम-निगम दोनों में इनकी उपासना समान रूप से वर्णित है ! सभी देवता, राक्षस, मनुष्य, गंधर्व इनकी कृपा-प्रसाद के लिए लालायित रहते हैं !
!! जय माता दी !!

Saturday 20 August 2011

अण्णा की आरंभिक जीवन

किशन बाबु राव हजारे एक परसिद्ध गाँधी वादी सामाजिक कार्यकर्त्ता जिसे आज हम अन्ना हजारे के नाम से जानते है ! इनका जन्म 15 जून, 1938 को महाराष्ट्र के अहमद नगर के भिन्गारी गाँव के एक किसान परिवार में हुआ !उनके पिता का नाम बाबु राव हजारे और माता लक्ष्मी राव हजारे है !पिता मजदूर थे, दादा फ़ौज में !वैसे अन्ना के पूर्वजो के गाँव रालेगान सिद्धि मे था ! दादा के मौत के बाद अन्ना का परिवार् रालेगान सिद्धि आ गया ! अन्ना के 6 भाई है ! परिवार् मे तन्गी देख् उनकी बुआ अन्ना को मुम्बयी ले गयी जहान इन्होने सातवी तक कि पढ्हाई की ! परिवार् पर कष्टों का बोझ् देखकर वह् दादर स्टेशन के बाहर फ़ुल् बेचने बाले के दुकान मे 40 रुपये की पौगार मे काम करने लगे ! इसके बाद उन्होने एक अपनी दुकान खोल ली ! सन 1962 मे भारत - चीन् युद्ध के बाद वह् सेना मे सामिल हो गया !1965 मे भारत- पाकिस्तान युद्ध के दौरान सिमा पर तैनात बतौर ड्र्यवर थे !युद्ध मे उनके सारे साथी मारे गये ! इस घटना ने अन्ना की जिन्दगी को हमेशा के लिये बदल दिया ! 15 बर्ष पुरे होने पर  उन्होने सेवा निवृत् ले ली ! वे पास के रालेगान सिद्धि मे रहने लगे और इसी को अपनी सामाजिक कर्मस्थ्ली बना लिया ! 1965 के युद्ध मे मौत से साक्षात्कार के बाद नयी दिल्ली रैल्वे स्टेशन पर उन्होने विवेकानन्द कि एक बुकलेत ' Call To The Youth For Nation ' देखा और खरीद लिया ! इसे पद्धकर उनके मन मे भी अपना जीवन समाज को समर्पित करने की इछा हो गयी ! उन्होंने आजीवन अविवाहित रहकर स्वयं को सामाजिक कार्यो के लिए पूर्णतः समर्पित कर देने का सकल्प कर लिया ! आज अन्ना का नाम हर जुवान पे .......अन्ना....अन्ना.........तेरे साथ है हुम .....!

Thursday 18 August 2011

जन लोकपाल बिल क्या है?

कुछ जागरूक नागरिको द्वारा शुरू की गयी पहल का नाम है ' जन लोकपाल बिल ' इस कानून के अंतर्गत केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्त का गठन होगा जस्टिस संतोष हेग्रे, प्रशांत भूषण और अरविन्द केजरीवाल द्वारा बनाया गया यह विधेयक लोगो के         द्वारा वेव्साईट पर दी गयी पर्तिक्रिया और जनता के साथ विचार विमर्ष के बाद  तैयार किया गया है ! यह संस्था इलेक्शन कमिशन और सुप्रीम कोर्ट की तरह सरकार से स्वतंत्र होगी ! किसी भी मुकदमे की जांच एक साल के भीतर पूरी होगी। ट्रायल अगले एक साल में पूरा होगा ! भ्रष्ट नेता, अधिकारी या जज को 2 साल के भीतर जेल भेजा जाएगा ! भ्रष्टाचार की वजह से सरकार को जो नुकसान हुआ है अपराध साबित होने पर उसे दोषी से वसूला जाएगा! अगर किसी नागरिक का काम तय समय में नहीं होता तो लोकपाल दोषी अफसर पर जुर्माना लगाएगा जो शिकायतकर्ता को मुआवजे के तौर पर मिलेगा! लोकपाल के सदस्यों का चयन जज, नागरिक और संवैधानिक संस्थाएं मिलकर करेंगी! नेताओं का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा ! लोकपाल/ लोक आयुक्तों का काम पूरी तरह पारदर्शी होगा! लोकपाल के किसी भी कर्मचारी के खिलाफ शिकायत आने पर उसकी जांच 2 महीने में पूरी कर उसे बर्खास्त कर दिया जाएगा ! सीवीसी, विजिलेंस विभाग और सीबीआई के ऐंटि-करप्शन विभाग का लोकपाल में विलय हो जाएगा! लोकपाल को किसी जज, नेता या अफसर के खिलाफ जांच करने और मुकदमा चलाने के लिए पूरी शक्ति और व्यवस्था होगी !

Wednesday 17 August 2011

आजादी की दूसरी लड़ाई


भरष्टाचार के खिलाफ जन लोकपाल विधेयक की मांग कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे और उनके साथियों को मंगलवार सुबह हिरासत में लिए जाने के बाद पूरे देश में जबरदस्त विरोध प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया! अन्ना हजारे के गांव रालेगन सिद्धि से लेकर राजधानी दिल्ली तक लोग सड़कों पर उतर गए और सरकार विरोधी नारे लगाने लगे! हजारों की संख्या में लोगों द्वारा दी जारी गिरफ्तारी के बीच विपक्षी दलों ने भी सरकार पर जबरदस्त हमला बोला है और पूरे घटनाक्रम को आपातकाल जैसा करार दिया है!इस बीच सरकार ने कहा है कि अन्ना हजारे को परिस्थितियों और कानून के अनुसार हिरासत में लिया गया है! अन्ना हजारे मंगलवार सुबह जयप्रकाश नारायण पार्क में जनलोकपाल विधेयक की मांग को लेकर अनशन आरम्भ करने वाले थे! लेकिन अनशन स्थल के लिए प्रस्थान करने से पहले ही मयूर विहार इलाके से दिल्ली पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया! अन्ना हजारे एवं उनके प्रमुख सहयोगी अरविंद केजरीवाल सुप्रीम एन्क्लेव स्थित फ्लैट से निकल रहे थे तभी लिफ्ट के पास सादी वर्दी में खड़े लगभग 20 पुलिस अधिकारियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया! भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की पूर्व अधिकारी किरण बेदी और वरिष्ठ अधिवक्ता शांति भूषण को भी हिरासत में लिया गया! हिरासत में लिए जाने से पूर्व अन्ना हजारे ने एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा, "मेरी गिरफ्तारी के बाद इस आंदोलन को मत रुकने दीजिए! यह आजादी की दूसरी लड़ाई है!
 पूरा विश्व जानता है कि भ्रष्टाचार किस कदर अपने पांव जमा चुका है!"अन्ना हजारे ने कहा, "मैं आपसे अपील करता हूं कि इस आंदोलन में किसी तरह की हिंसा न होने पाए! मैं युवा और बुजुर्ग लोगों से अपील करता हूं कि यदि जेल भरो आंदोलन की आवश्यकता पड़े तो आप अपने आठ दिन देश को समर्पित कीजिए!"अन्ना हजारे के सहयोगी प्रशांत भूषण ने कहा, "अन्ना हजारे को गिरफ्तार किया जाना गैरकानूनी एवं असंवैधानिक है! इस सरकार का लोकतांत्रित मूल्यों में कोई विश्वास नहीं है। अन्ना ने पुलिसकर्मियों से पूछा कि उन्हें किस आरोप में हिरासत में लिया जा रहा है! तो पुलिस ने कहा कि उन्हें ऐसा करने का आदेश दिया गया है!"बेदी ने कहा, "दिल्ली पुलिस इस तरह के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों को सम्भालने में सक्षम है........ ये गिरफ्तारियां ऊपर के आदेश से ही हुई हैं! इस तरह के हथकंडे आपातकाल के दौरान अपनाए गए थे!
दूसरी ओर, भ्रष्‍टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ने वाले बाबा रामदेव ने ऐलान किया है वो आज अन्‍ना के अनशन में हिस्‍सा लेंगे! वह राष्‍ट्रपति से भी मिलेंगे! शिव सेना प्रमुख बाल ठाकरे ने पार्टी के मुखपत्र 'सामना- में लिखा है कि 'देश में मिस्र जैसे हालात पैदा हो गए हैं!' उन्‍होंने इसके लिए कांग्रेस को जिम्‍मेदार ठहराया है!
भाजपा अध्‍यक्ष नितिन गडकरी ने अन्‍ना की गिरफ्तारी को दुर्भाग्‍यपूर्ण करार देते हुए पार्टी के कार्यकर्ताओं से इस आंदोलन में हिस्‍सा लेने की अपील की है! भाजपा ने मंगलवार को भी राजधानी के जंतर-मंतर से संसद तक मशाल जुलूस निकाला था! आज पार्टी 300 पुतले फूंकने की तैयारी में है! 
आज देश की हालत बहुत ही घम्भीर है, लोग सरक पर उतर आये है, अन्ना (गाँधी बाबा) अपना काम कर रहे है, अब चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह और सुभाष चन्द्र बॉस की जरुरत है बांकी का काम निपटाने के लिए...........
इसलिए इस आन्दोलन में सक्रिय रूप से भाग लेकर भ्रष्‍टाचार और तानाशाह सरकार को जर से ख़त्म करने का दृढ सकल्प ले .................. जय हिंद ........

Friday 5 August 2011

हास्य-गुस्ताखी माफ़..........

गुस्ताखी माफ़..........
 संसार का सबसे बरा सच...........
 
 
 पहला सच ..............
१. आप अपने सारे दांतों को जुबान से नही छू सकते ..........
दूसरा सच .........
२. पहले सच को पढ़ने के बाद सारे बेवकूफ ऐसा करने की कोसिस करते है .............
तीसरा सच .........
३. पहला सच झूठ है ........
......चौथा सच .........
४. आप अब हंस रहे है क्योकि आप बेवकूफ बन गए है ............
.......... पांचवा सच ................
५. अब आप इस को करेंगे और दुसरो को ईमेल या स्क्रैप करेंगे क्योकि आप अकेले बेवकूफ नही बनना चाहते है .......... !!!!
हाहाहाहा.....................
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# हिंदी के एक पीरियड में बिद्यार्थी ने दुसरे से पूछा :- गाली की परिभाषा बताओ ?
तो दुसरे बिद्यार्थी ने जबाब दिया :- अत्यधिक क्रोध आने पर अहिन्सापुर्बक कार्यवाही करने के लिए शब्दों का वह समूह जिसके उचारण के पश्चात् मन को गहन शांति का अनुभव होता है , उसे हम गाली कहते है !

Wednesday 3 August 2011

श्रावण मास में शिव स्तुति

भगवान शिव का स्वरूप अनादि, अनंत, अजन्मा माना जाता है। जिसका मतलब है वह ऐसे देवता है जिनका न जन्म हुआ है, न उनकी मृत्यु होती है। शिव का ऐसा ही दिव्य और निराकार रूप शिवलिंग है। धर्म परंपराओं में लिंग पूजा बाणलिंग, पार्थिव लिंग सहित अनेक रूपों में की जाती है। 
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अनेक मंत्र, स्तुति व स्त्रोत की रचना की गई है। इनके जप व गान करने से भगवान शिव अति प्रसन्न होते हैं। शिव रुद्राष्टक भी इन्हीं में से एक है। यदि प्रतिदिन शिव रुद्राष्टक का पाठ किया जाए तो सभी प्रकार की समस्याओं का निदान स्वत: ही हो जाता है। साथ ही भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। महाशिवरात्रि, श्रावण मास अथवा चतुर्दशी तिथि को इसका जप किया जाए तो विशेष फल मिलता है।

                                                                       शिव रुद्राष्टक

नमामीशमीशान निर्वाण रूपं, विभुं व्यापकं ब्रह्म वेद: स्वरूपम्।

अजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं, चिदाकाश माकाशवासं भजेऽहम्॥

निराकार मोंकार मूलं तुरीयं, गिराज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम्।

करालं महाकाल कालं कृपालुं, गुणागार संसार पारं नतोऽहम्॥

तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं, मनोभूत कोटि प्रभा श्री शरीरम्।

स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारू गंगा, लसद्भाल बालेन्दु कण्ठे भुजंगा॥

चलत्कुण्डलं शुभ्र नेत्रं विशालं, प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालुम्।

मृगाधीश चर्माम्बरं मुण्डमालं, प्रिय शंकरं सर्वनाथं भजामि॥

प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं, अखण्डं अजं भानु कोटि प्रकाशम्।

त्रय:शूल निर्मूलनं शूलपाणिं, भजे अहं भवानीपतिं भाव गम्यम्॥

कलातीत-कल्याण-कल्पांतकारी, सदा सज्जनानन्द दातापुरारी।

चिदानन्द सन्दोह मोहापहारी, प्रसीद-प्रसीद प्रभो मन्माथारी॥

न यावद् उमानाथ पादारविन्दं, भजंतीह लोके परे वा नाराणम्।

न तावत्सुखं शांति संताप नाशं, प्रसीद प्रभो सर्वभुताधिवासम् ॥

न जानामि योगं जपं नैव पूजा, न तोऽहम् सदा सर्वदा शम्भू तुभ्यम्।

जरा जन्म दु:खौद्य तातप्यमानं, प्रभो पाहि आपन्नमामीश शम्भो॥

रूद्राष्टक इदं प्रोक्तं विप्रेण हरतोषये, ये पठंति नरा भक्त्या तेषां शम्भु प्रसीदति ॥



सावन में इस मंत्र का जप बेहद लाभकारी है:-

ऊँ श्रीं शिवत्वं श्रीं ऊँ

जप विधि :-
1) सुबह जल्दी उठकर पांच कमल बीज व पांच लाल फूलों को एक पीले कागज पर रखें तथा
    कमल के फूल पर यह मंत्र 21 बार कुंकुम से लिखें।
2)   इसके बाद कमलगट्टे की माला से इस मंत्र का कम से कम 5 माला जप करें।
3) इसके बाद इस कागज पर कमल बीजों और फूलों को लपेट कर रात्रि के समय किसी तिराहे
    पर डाल दें ।
गंगा स्नान करने का फल होता है :-
आप रुद्राक्ष को अपने माथा पर रख कर जल डालते हुए यह मंत्र बोले -
रुद्राक्ष मस्तकै धृत्वा शिर: स्नानं करोति य:। गंगा स्नान फलं तस्य जायते नात्र संशय:।।  इसके अलावा ऊँ नम: शिवाय यह मंत्र भी मन ही मन स्मरण करें।


नागपंचमी या मैना पंचमी (04-08-2011) :- 
12 साल बाद नाग पंचमी लेकर आ रही है आपके लिए वो खास मौका जब आपको एक साथ मिलेगा शिव और गणपति का आशीर्वाद क्योंकि इस बार की नाग पंचमी गुरूवार के दिन और हस्त नक्षत्र में आ रही है जो कुंडली में मौजूद सभी सर्पदोषों का करेगी नाश ! श्रावण शुक्ल पंचमी को नागपंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 4 अगस्त, गुरुवार को है। इस दिन नाग देवता की पूजा करने का विधान है -  स्नान कर नागपंचमी का व्रत रख देवालय में शिव के साथ नाग प्रतिमा की पूजा करें, शिव व नाग को दूध से स्नान, सफेद कमल व सुगंधित चंदन चढ़ाएं, भोग में खीर, चावल और सेवईयां अर्पित करें और नाग पूजा के बाद नाग स्त्रोत का पाठ करें। नीचे लिखा मंत्र भी नाग पूजा या उसके बाद बोलना अनिष्ट शांति के लिये चमत्कारी माना गया है - ऊँ कुरुकुल्ये हुं फट् स्वाहा । पूजा, मंत्र जप के बाद धूप, दीप से शिव व नाग आरती करें । 
घर की दीवारों पर लकड़ी, मिट्टी, सोने या चांदी की कलम से चन्दन या हल्दी की स्याही से या फिर घर के दरवाजे के दोनों ओर गोबर से नाग बनाकर उनका गंध, पुष्प, अक्षत, दूर्वा, दही, लड्डू और मालपूआ अर्पित कर पूजा करें। वैसे गाँव-घर में तो ज्यादातर आदमी काली स्याही या गोबर से अपने घर के दरबाजे पर नाग बनाते है।

1) चांदी के सर्प की पूजा करें और सफेद पुष्प के साथ इसे बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें ।
2) शिव उपासना लघु रुद्र का पाठ कराएं।
3) सफेद फूल व बताशे बहते हुए जल में प्रवाहित करें और कालसर्प दोष की शांति के 
   लिए प्रार्थना करें।
4) शिवलिंग पर तांबे का नाग ब्रह्ममुहूर्त में चढ़ाएं। चांदी का नाग-नागिन का जोड़ा
    नदी में बहाएं।
5) इस दिन दान-पुण्य कर करें और सफेद मिठाई का दान करें।
6) नवनाग स्तोत्र का पाठ करें।
7) पीपल के वृक्ष की पूजा करें तथा शाम के समय पीपल के नीचे दीपक जलाएं 


24-10-2011
दीपावली पर देवी महालक्ष्मी-भगवान श्रीगणेश की पूजन :-


कार्तिक कृष्ण अमावस्या (दीपावली, इस बार 26 अक्टूबर, बुधवार) को भगवती श्रीमहालक्ष्मी एवं भगवान गणेश की नूतन (नई) प्रतिमाओं का प्रतिष्ठापूर्वक विशेष पूजन किया जाता है। दीपावली पर देवी महालक्ष्मी तथा भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए नीचे लिखी विधि के अनुसार पूजन करें-

पूजन के लिए किसी चौकी अथवा कपड़े के पवित्र आसन पर गणेशजी के दाहिने भाग में माता महालक्ष्मी की मूर्ति को स्थापित करें। पूजन के दिन घर को स्वच्छ कर पूजा-स्थान को भी पवित्र कर लें एवं स्वयं भी पवित्र होकर श्रद्धा-भक्तिपूर्वक सायंकाल महालक्ष्मी व भगवान श्रीगणेश का पूजन करें। श्रीमहालक्ष्मीजी की मूर्ति के पास ही पवित्र पात्र में केसरयुक्त चंदन से अष्टदल कमल बनाकर उस पर द्रव्य-लक्ष्मी (रुपयों) को भी स्थापित करेंतथा एक साथ ही दोनों की पूजा करें।  सर्वप्रथम पूर्वाभिमुख अथवा उत्तराभिमुख हो आचमन, पवित्री धारण, मार्जन-प्राणायाम कर अपने ऊपर तथा पूजा-सामग्री पर निम्न मंत्र पढ़कर जल छिड़कें-

ऊँ अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोपि वा।

य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तर: शुचि:।।

उसके बाद जल-अक्षत लेकर पूजन का संकल्प करें-

संकल्प- ऊँ विष्णुर्विष्णुर्विष्णु: अद्य मासोत्तमे मासे कार्तिकमासे कृष्णपक्षे पुण्यायाममावास्यायां तिथौ.......... वासरे............गोत्रोत्पन्न: (गोत्र का उच्चारण करें)/ गुप्तोहंश्रुतिस्मृतिपुराणोक्तफलावाप्तिकामनया ज्ञाताज्ञातकायिकवाचिकमानसिक सकलपापनिवृत्तिपूर्वकं स्थिरलक्ष्मीप्राप्तये श्रीमहालक्ष्मीप्रीत्यर्थं महालक्ष्मीपूजनं कुबेरादीनां च पूजनं करिष्ये। तदड्त्वेन गौरीगणपत्यादिपूजनं च करिष्ये।

-ऐसा कहकर संकल्प का जल छोड़ दें। पूजन से पूर्व नूतन प्रतिमा की निम्न रीति से प्राण-प्रतिष्ठा करें-

प्रतिष्ठा- बाएं हाथ में चावल लेकर निम्नलिखित मंत्रों को पढ़ते हुए दाहिने हाथ से उन चावलों को प्रतिमा पर छोड़ते जाएं-

ऊँ मनो जूतिर्जुषतामाज्यस्य बृहस्पतिर्यज्ञमिमं तनोत्वरिष्टं यज्ञ समिमं दधातु। विश्वे देवास इह मादयन्तामोम्प्रतिष्ठ।।

ऊँ अस्यै प्राणा: प्रतिष्ठन्तु अस्यै प्राणा: क्षरन्तु च।

अस्यै देवत्वमर्चायै मामहेति च कश्चन।।

सर्वप्रथम भगवान गणेश का पूजन करें। इसके बाद कलश पूजन तथा षोडशमातृ का (सोलह देवियों का) पूजन करें। तत्पश्चात प्रधान पूजा में मंत्रों द्वारा भगवती महालक्ष्मी का षोडशोपचार पूजन करें।

ऊँ महालक्ष्म्यै नम:- इस नाम मंत्र से भी उपचारों द्वारा पूजा की जा सकती है।

प्रार्थना- विधिपूर्वक श्रीमहालक्ष्मी का पूजन करने के बाद हाथ जोड़कर प्रार्थना करें-

सुरासुरेंद्रादिकिरीटमौक्तिकै-

र्युक्तं सदा यक्तव पादपकंजम्।

परावरं पातु वरं सुमंगल 

नमामि भक्त्याखिलकामसिद्धये।।

भवानि त्वं महालक्ष्मी: सर्वकामप्रदायिनी।।

सुपूजिता प्रसन्ना स्यान्महालक्ष्मि नमोस्तु ते।।

नमस्ते सर्वदेवानां वरदासि हरिप्रिये।

या गतिस्त्वत्प्रपन्नानां सा मे भूयात् त्वदर्चनात्।।

ऊँ  महालक्ष्म्यै नम:, प्रार्थनापूर्वकं समस्कारान् समर्पयामि। 

प्रार्थना करते हुए नमस्कार करें।

समर्पण- पूजन के अंत में कृतोनानेन पूजनेन भगवती महालक्ष्मीदेवी प्रीयताम्, न मम।

- यह वाक्य उच्चारण कर समस्त पूजन कर्म भगवती महालक्ष्मी को समर्पित करें तथा जल गिराएं।


दीपावली पूजन के शुभ मुहूर्त

दीपावली पूजन सदैव स्थिर लग्न में ही किया जाना चाहिए। दीपावली की रात्रि को स्थिर लग्न इस प्रकार है-

- दोपहर 02 बजकर 33 मिनट से 04 बजकर 04 मिनिट तक (कुंभ लग्न में)

- शाम 07 बजकर 08 मिनट से 9 बजकर 04 मिनट तक (वृषभ लग्न में)

- अद्र्धरात्रि 01 बजकर 36 मिनट से 03 बजकर 53 मिनट तक (सिंह लग्न में)

- प्रदोष काल- शाम 05 बजकर 30 मिनिट से 07 बजकर 07 मिनट तक प्रदोष काल में भी लक्ष्मी पूजन शुभ रहेगा।

- इसके अलावा रात 07 बजकर 40 मिनिट से 12 बजकर 24 मिनट तक शुभ, अमृत, चल, चौघडिय़ां व शुक्र, बुध, चंद्र की होरा में लक्ष्मी पूजन शुभ रहेगा।





                        
 (पंडित आचार्य श्री सुजीत कुमार झा - बुए जी)





Wednesday 20 July 2011

भ्रष्टाचार-गाँव से लेकर देश तक

गाँव से लेकर देश तक में वैसे तो अनेक समस्याएं विद्यमान हैं जिसके कारण देश की प्रगति धीमी है। उनमें प्रमुख है बेरोजगारी, गरीबी, अशिक्षा, आदि लेकिन उन सबमें वर्तमान में सबसे ज्यादा यदि कोई देश के विकास को बाधित कर रहा है तो वह है भ्रष्टाचार की समस्या। आज इससे सारा देश संत्रस्त है। लोकतंत्र की जड़ो को खोखला करने का कार्य काफी समय से इसके द्वारा हो रहा है। और इस समस्या की हद यह है कि इसके लिए भारत के एक पूर्व प्रधानमंत्री तक को कहना पड़ गया था कि रूपये में मात्र बीस पैसे ही दिल्ली से आम जनता तक पंहुच पाता है।
भ्रष्टाचार किस प्रकार देश को घुन की तरह खाये जा रहा है उसका सबसे बड़ा उदाहरण तो पंचायत स्तर के मुखिया से ही शुरू होता है, इसके उपर विधायक, सांसद और मंत्री - संत्री हैं. सभी जानते हैं कि उनको अपने कार्य के लिये कितना वेतन और भत्ता मिलता है? परन्तु देखते ही देखते ही देखते उनके महल खड़े हो जाते हैं, करोड़ों की अचल सम्पत्ति बन जाती है और अच्छा-खासा बैंक बैलेंस जमा हो जाता है. और आश्चर्य की बात तो यह है कि लोग इस विषय में ऐसे बात करते हैं कि जैसे यह एक आम बात हो. जिस जनता ने उनको चुनकर संसद या विधानसभा तक पहुँचाया है, वह तक प्रश्न नहीं करती कि उनके पास इतना धन आया कहाँ से? लोग यह भी नहीं सोचते कि जो पैसा आम जनता से कर के रूप में वसूला जाता है, देश की अवसंरचना के विकास के लिये, उसका न जाने कितना बड़ा हिस्सा तो इन लोक प्रतिनिधियों के जेब में चला जाता है.
दूसरी ओर सरकारी कर्मचारी हैं, जो बिना घूस लिये कोई काम ही नहीं करते. एक ग़रीब आदमी अपना राशनकार्ड भी बनवाने जाता है, तो इन बाबुओं को घूस खिलाना ही पड़ता है. और वह गरीब बेचारा यह सब करता इसलिए है कि यदि वह रिश्वत नहीं देगा तो उससे अधिक पैसा तो दफ़्तर के चक्कर काटने में ही खर्च हो जायेगा. जब उस बाबू से पूछो तो कहेगा कि हमें ऊपर तक पहुँचाना पड़ता है. हद तो तब हो जाती है, जब अधिकारी तो एक तरफ़, कई राज्यों में मुख्यमन्त्रियों तक का प्रत्येक विभाग से निश्चित कोटा होता है, जो क्रमशः नीचे के कर्मचारियों और जनता से वसूला जाता है. यह अब सिस्टम का हिस्सा बन गया है. इस पर किसी को कोई ऐतराज़ ही नहीं होता. लोग यह सोचकर पैसे लेकर जाते हैं कि बिना पैसे के तो काम होना ही नहीं है.
देश कैसे बनेगा महाशक्ति 
सरकार की मंशा इन समस्याओं को हल करने की है ही नहीं। राजनीतिक पार्टियों का मूल उद्देश्य सत्ता पर काबिज रहना है। इन्होंने युक्ति निकाली है कि गरीब को राहत देने के नाम पर अपने समर्थकों की टोली खड़ी कर लो। कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए भारी भरकम नौकरशाही स्थापित की जा रही है। सरकारी विद्यालयों एवं अस्पतालों का बेहाल सर्वविदित है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली में ४० प्रतिशत माल का रिसाव हो रहा है। मनरेगा के मार्फत्‌ निकम्मों की टोली खड़ी की जा रही है। १०० रुपये पाने के लिये उन्हें दूसरे उत्पादक रोजगार छोड़ने पड़ रहे हैं। अत: भ्रटाचार और असमानता की समस्याओं को रोकने में हम असफल हैं। यही हमारी महाशक्ति बनने में रोड़ा है।
उपाय है कि तमाम कल्याणकारी योजनाओं को समाप्त करके बची हुयी रकम को प्रत्येक मतदाता को सीधे रिजर्व बैंक के माध्यम से वितरित कर दिया जाये। मेरा आकलन है कि प्रत्येक परिवार को २०० रुपये प्रति माह मिल जायेंगे जो उनकी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति को पर्याप्त होगा। उन्हें मनरेगा में बैठकर फर्जी कार्य का ढोंग नहीं रचना होगा। वे रोजगार करने और धन कमाने को निकल सकेंगे। कल्याणकारी योजनाओं में व्याप्त भ्रटाचार स्वत: समाप्त हो जायेगा। इस फार्मूले को लागू करने में प्रमुख समस्या राजनीतिक पार्टियों का सत्ता प्रेम है। सरकारी कर्मचारियों की लॉबी का सामना करने का इनमें साहस नहीं है। सारांश है कि भारत महाशक्ति बन सकता है यदि राजनीतिक पार्टियों द्वारा कल्याणकारी कार्यक्रमों में कार्यरत सरकारी कर्मचारियों की बड़ी फौज को खत्म किया जाये। इन पर खर्च की जा रही रकम को सीधे मतदाताओं को वितरित कर देना चाहिये। इस समस्या को तत्काल हल न करने की स्थिति में हम महाशक्ति बनने के अवसर को गंवा देंगे।
यह सच है कि भारत महाशक्ति बनने के करीब है परन्तु ह्म भ्रष्टाचार की वजह से इस से दूर होते जा रहे है।हमारे नेताओ को जब अपने फालतू के कामो से फुरसत मिले तब ही तो वो इस सम्बन्ध मे सोच सकते है उन लोगो को तो फ्री का पैसा मिलता रहे देश जाये भाड मे।भारत को महाशक्ति बनने मे जो रोडा है वो है नेता। युवाओ को इस के लिये इनके खिलाफ लडना पडेगा, आज देश को महाशक्ति बनाने के लिये एक महाक्रान्ति की जरुरत है, जो कि पंचायत के गाँव से शुरू हो..............बदलाव के लिये क्रान्ति की ही आवश्यकता होती है ....................!
इसलिए भाईयों एवं बंधुयों सिर्फ बोलने से काम नहीं होगा, बोलने के साथ - साथ करने से.................हमें हर स्तर पर ग़लत बात का विरोध करना होगा. जब सिविल सोसायटी की जागरुकता से जेसिका लाल और रुचिका जैसी लड़कियों को न्याय मिल सकता है, तो भ्रष्टाचार को अपने देश की शासन-प्रणाली से उखाड़ फेंकना कौन सी बड़ी बात है?हमारे पास मतदान का अधिकार और सूचना के अधिकार जैसे कानून के रूप में हथियार पहले से ही हैं ज़रूरत है तो उस हिम्मत की जिससे हम भ्रष्टाचार रूपी दानव से लड़ सकें !

Monday 13 June 2011

Chakauti-Maharudra yagya ka samapann

12 जून, 2011- चकौती, एग्यारह दिवशिय महारुद्र यज्ञ शांतिपूर्ण संपन्न  हुआ, यज्ञ में दूर-दूर से शर्धालु व भक्त-जन आए हुए थे, इस यज्ञ को पंडित आचार्य सुजीत कुमार झा ने संपन्न कराया । 
सेवा दास (महात्मा - समस्तीपुर) जिन्होंने महारुद्र यज्ञ का आयोजन किया था, उनसे यज्ञ के सदस्य-गन खुश नही है, सदस्यों का कहना है कि कथा वाचक और राश-लीला मंडली को उचित राशि नही दी गयी- जो बात हुई थी मंडली के साथ, जबकि सेवा दास महात्मा का कहना है कि उचित राशि सभी को दिया गया है - अब इस बात को लेकर आपस में अनबन सा हो गया है ! इधर सदस्यों ने कुछ राशि इधर-उधर से इकट्ठा कर कथा वाचक और राश-लीला मंडली को दिया है ! कुछ सदस्य-गण आपस में विचार कर रहें है कि सेवा दास महात्मा से आय-व्य का विवरण लिया जाय और जिसकी जो वाकाया राशि  है उसे दे दिया जाय, इस पर बाबा महात्मा राज़ी- खुशी नही है ! यज्ञ में धोखाधड़ी नही होना चाहिए, जो आय-व्यय है सबके सामने प्रस्तुत होना चाहिए !
कुछ भी हो बाबा महात्मा को महान माना जायेगा, क्योंकि आज तक के इतिहास में चकौती गाँव में महारुद्र यज्ञ का आयोजन कभी नही हुआ था, बाबा-महात्मा ने काफी मेहनत की  और उनका साथ गाँव के लोगो ने दिया ! इसलिए छोटी-मोटी बातों को ध्यान ना देकर भक्ति भाव से उनका विदाई समारोह होना चाहिये और जय-जय करना चाहिये- प्रेम से बोलो जय माता दी......, हर हर महादेव......हरड़ हरड़.. , जय हो बाबा...........

महारुद्र यानि शिव कि महिमा :-

हिन्दू धार्मिक मान्यताओं में संपूर्ण प्रकृति शिव का ही स्वरूप मानी गई है। विशेष रूप से वेद भगवान शिव की विराटता, व्यापकता, शक्तियों और महिमा का रहस्य बताते हैं। जिसमें शिव को अनादि, अनंत, जगत की हर रचना का कारण, स्थिति और विनाशक मानकर स्तुति की गई है। वेदों में भी प्रकृति पूजा का ही महत्व व गुणगान है। इसलिए माना भी गया है कि वेद ही शिव है और शिव ही वेद है। इस तरह वेद प्रकृति प्रेम के रूप में शिव भक्ति का ज्ञान भी देते हैं।सार यही है कि मात्र व्यक्तिगत कामनाओं की पूर्ति से शिव भक्ति के धार्मिक उपायों को अपना लेना ही सच्ची शिव उपासना नहीं, बल्कि शिव शब्द के ही मूल भाव कल्याण को जीवन में उतारकर नि:स्वार्थ बन प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा द्वारा प्रकृति और प्राणियों के बीच अटूट संबंध और संतुलन को कायम रखना ही सच्ची शिव भक्ति होगी।
हर हर महादेव...................हरड़ हरड़..

Thursday 2 June 2011

Chakauti-महारुद्र यज्ञ को लेकर निकाली कलश शोभा यात्रा

एग्यारह दिवसीय महारुद्र यज्ञ का भव्य शुभारम्भ हुआ:-
चकौती गाँव (सित्तेश्वर नाथ मंदिर परिसर) में गुरुवार दिनांक 2 जुन, 2011 से आयोजित होने वाले एग्यारह दिवशिय महारुद्र यज्ञ के आयोजन को लेकर कलश यात्रा निकाली गयी। करीब 1100 कलश धारी महिलाएं एवं बच्चियां यज्ञ स्थल से चैती दुर्गा स्थान होते हुए पछियारि टोल, सरसों टोल व अश्विन दुर्गा स्थान में पूजा अर्चना कर जल भरा कलश  यज्ञ स्थल पर ले जाकर जलाभिषेक किया। कलश यात्रा को सफल बनाने में यज्ञ समिति के सदस्य - श्री जग्गी मिश्रा, श्री चंद्र मोहन ठाकुर, श्री काशी कांत झा, श्री नवीन चंद्र ठाकुर, श्री बुचन ठाकुर,  श्री दिलीप ठाकुर, श्री गोपाल झा एवं श्री कमोद झा ( महात्मा जी ) ने सहयोग किया।
अब अगला कार्यक्रम:- पंचाँग पूजन / मंडप प्रवेश / महारुद्र देवता का आवाहन, अस्थापना व पूजन / अर्नी मंथन द्वारा अग्नि अस्थापना व ग्रहहुती / आरती-पुष्पांजली कि जायेगी !

शाम का कार्यक्रम :- 6:30  से 8:30  कथा प्रतिदिन (कथा वाचक- हरिद्वार)
                                  8:30  से 10:30  कथा प्रतिदिन (कथा वाचक- आयोध्या)
                                  रात्रि 10:30  से 2:00  राश लीला प्रतिदिन !

Monday 30 May 2011

Mukhiya Ji

सरकार भ्रष्टाचार मिटाने की बात पुरजोर तरीके से कर रही है। पहल भी की है। पूरे देश में नीतीश को आइकान के रूप में देखा गया है। कई पुरस्कार भी खाते में आये हैं। इनकी सरकार को भ्रष्टाचार विरोधी उसके खात्मे के विशेष पहरुये के रूप में पूरे देश की जनता देख भी रही है और देखना भी चाहिये। दोबारा सुशासन की सरकार लौटी तो सबसे पहले विधायक फंड को चलता किया। ग्रास रूट से भ्रष्टाचार मिटाने के लिये उसके कदम सराहे भी गये। लेकिन एक सवाल सरकार से। इस सरकार में एक तो नीतीश की सरकार है और दूसरे सरकार आप यानी जनता-जनार्दन। दोनों से एक सवाल है। क्या बिहार सरकार यानी नीतीश सरकार कुछ सोचती भी है। कुछ देखती भी है। अगर आपका जवाब हां है तो दूसरा सवाल, अगर सरकार कुछ देखती व सोचती है तो कुछ करती क्यों नहीं? अगर आपका जवाब ना है तो तीसरा सवाल, अगर सरकार न सोचती है ना देखती है तो फिर करती क्या है? जवाब साफ है, सरकार वाह-वाही लूट रही है। अगर ऐसा नहीं तो सरकार को उनके प्रदेश में चल रहे कार्यों का तो ठीक-ठीक अनुमान होगा ही। अब थोड़ा, पंचायत चुनाव की चक्कलस कर लें। पंचायत चुनाव का रूझान देखें। यहां कहां है सरकार की तरक्की, भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम की कोई बात। सबके सब मुखिया बनना चाहते हैं। आखिर इस मुखिया पद में रखा क्या है। क्यों इस पद के लिये मारामारी हो रही है। लोग गोली खाने व खिलाने की हिमाकत कर-करवा रहे हैं। इस पद के पीछे क्या है। ये हाय-तौबा इस पद के लिये क्यूं? निसंदेह पद ही मलाई वाला है। पूरा मलाई है साहब इसमें। एक बार जिसने खा लिया वो कटोरा लेके सड़क पर उतरेगा ही। जो नहीं खा सका, खाने की इच्छा है कटोरा क्या थाली, चम्मच लेकर घर-घर बौखेगा। मलाई कोई भला क्यों छोडऩा चाहेगा। खुद नहीं बन सका तो पत्नी किस दिन काम आयेगी। वैसे भी नीतीश सरकार में एक पद के लिये दो लोग काम पर लगे ही मिलेंगे। पत्नी टीचर हैं तो बाहर गेट पर पति महोदय मिल जायेंगे। पत्नी आंगनवाड़ी सेविका या सहायिका तो पतिदेव मोटरसाइकिल पर पत्नी को लादे दिन भर प्रखंडों का चक्कर लगाते मिल जायेंगे। पत्नी पंचायत समिति सदस्य तो पति बैठक में भाषण करते नजर आ जायेंगे। तो ये सब साहब नीतीश सरकार में जायज है, चलता है, चलाऊ है। मलाई मुखियाजी अकेले खा लेंगे ये नीतीश सरकार में नहीं चलता। यहां अफसर आराम से कमीशन लेते हैं। लालू राज में कमीशन पहले तय हो जाया करता था, नीतीश सरकार में कमीशन काम के बाद। गुणवत्ता देखकर। वैसे सरकार वेज यानी शुद्ध शाकाहारी हैं। मलाई खाने की आदत है नहीं सो अफसरों को भी पकडऩे की बात सरकारजी बार-बार कह रहे हैं। अब सरकार की सोच में मुखिया जी की कमाई कुछ है ही नहीं। मुखिया तो ठहरा गांव का सेवक। बेचारा कल तक पैदल चलता था आज बोलेरो  पर चल रहा है । कल का बदहाल घर और आज की शान-व-शौकत। कल तलक बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते क्या नाम लिखा कर घर पर मटरगश्ती करते रहते थे आज बड़े-बड़े नामी-गिरामी स्कूलों में पढ़-लिख रहे हैं। भाई, सरकार के समझ में यह बात अब तक नहीं आयी है। अगर आयी होती तो कार्रवाई हुई होती। कई मुखियाजी जेल में सड़ रहे होते। सड़े आम की तरह, क्योंकि मुखियाजी हो और खायें नहीं यह बात हाजमोला खा के भी हजम होने वाली बात है नहीं। मनरेगा में ठप्पा लगाया और सब माल बोरे में। कार्रवाई करेगा कौन ये तो केंद्र का मसला है केंद्र जाने। नीतीश सरकार क्यों किसे के खाने पर रोक लगाये। सो,कार्रवाई हुई ही नहीं, मुखियाजी मनरेगा को चाट गये। आंगनवाड़ी को साफ कर दिया। शिक्षक नियोजन में गदहे पास कर गये। अब देखिये ना, एक मुखियाजी के पास एक साल में 60 लाख रुपया मनरेगा का आता है। दो हजार प्रति इंदिरा आवास कमीशन तय है। आंगनवाड़ी, शिक्षक नियोजन समेत कुल अगर सीधा-साधा मुखिया रहा तो पांच करोड़ पूरे कार्यकाल में और तेज-तर्रार जो आज सब है, दस करोड़ तक का जुगाड़ कर लेता है। अब दस करोड़ का कमीशन ही जोड़ लीजिये। साहब, दस करोड़ ना सही पांच ही करोड़ मान लें। एक पंचायत की सूरत बदलने के लिये काफी है लेकिन हाल यह है, रात को सोलर लाइट से रोशनी नहीं जलती। आंगनवाड़ी केंद्र बंद रहते हैं। स्कूलों में बच्चों को मध्याह्न भोजन नहीं मिलता। इधर, लगाातार मुखियाजी मोटे होते जा रहे हैं तो इसमें बेचारे नीतीश बाबू क्या करें। उनके शासन में मुखियों को जेल भेजने की मनाही हैं। जांच होगी नहीं तो जेल भेजेगा कौन? मुखियों से ज्यादा विधायक ही इधर-उधर हो रहे हैं। जहांपनाह, वो देखिये आ रहे हैं मुखियाजी, अभी-अभी जीत के लौटे हैं। फिलहाल पैदल हैं बेचारे आपसे आशीर्वाद चाहते हैं। उम्मीद करते हैं अपने पूर्व के मुखियों की तरह ये भी पंचायत का भला कम करेंगे। खुद की पेट भरेंगे और पांच साल बाद फिर खुद नहीं तो पत्नी को जरूर मैदान में उतारेंगे यही वादा है-आम लोगों से।

एक मुखिया जी - विनोद माझी (पूर्व मुखिया) जिसे पंचायत के जनता ने इस वार नकार दिया, समय विपरीत मुखिया का इसलिए हुआ चूँकि बहुत लोगो से पैसा ठगा था, दिन भर नशे में रहता था, कलम से भी बहुत  कमजोर था नाम भी अपना सही से नही लिख सकता था !
एक और मुखिया जी - विनोद माझी से पहले उपेंदर पासवान ही पंचायत मुखिया था इस वार फिर से जनता ने  उपेंदर पासवान को चुना है वैसे उपेंदर पासवान भी जेल कि सजा काट चुका है- आम जनता से धोखाधड़ी, बाढ़ राहत एत्यादि के सबंध में ! जनता के पास इस वार कोई विकल्प नही था।

Wednesday 25 May 2011

Chakauti Village- Panchayat Chunav - Declared

Panchayat Nukhiya :- Upender Paswan apne nikatattam प्रतिद्वंद्वी Nagender Ram ko 107 vote  se haraya.
Panchayat Samiti (South-16) :- Chakauti Gaon se panchayat samiti ke mahila partyasi  Mrs. Archna Thakur (Chandra Mohan Thakur) apne nikatattam प्रतिद्वंद्वी Mrs. Rita Devi ( Vijay Kumar Jha) ko 141 vot se haraya, Pinki Jha (Kaushal Jha) tisare number par rahi jabki  Neelam Devi (Santosh Thakur) chauthen asthan par
Panchayat Samiti (North-15) :- Md. Aftav Alam (Mintu- Paktola) apne nikatattam प्रतिद्वंद्वी Amar Deep Sah ko 127 vot se haraya
Panchayat Ward Member (विजयी घोषित) :-
Ward-09 :- Punam Devi ( Sone Lal Paswan)
Ward-10 :- Devender Kamat
Ward-11 :- Kamod Thakur
Ward-12 :- Dulari Devi (Bhola Sah)
Ward-13 :- Subodh Sahani
Ward-14 :- Kiran Devi ( Babu sahev Jha)
Ward-15 :- parphul Mishra
Ward-16 :- 
प्रखंडों के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के परिणाम आज घोषित कर दिये गये। अन्य सभी पंचायतों के मुखिया, जिला परिषद के सदस्य, पंचायत समिति सदस्य व वार्ड सदस्य के पदों के परिणाम घोषित कर दिये गये हैं।